- किसी भी वीडियो, फोटो, या लिंक की वास्तविकता जाँचने के लिए नीचे दिए गए तरीकों का उपयोग करें:
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### **1. रिवर्स इमेज/वीडियो सर्च (Reverse Search)**
- **गूगल इमेज सर्च**:
[images.google.com](https://images.google.com) पर जाकर फोटो या स्क्रीनशॉट अपलोड करें। गूगल बताएगा कि यह इमेज पहले कहाँ इस्तेमाल हुई है।
- **वीडियो के लिए**: वीडियो का स्क्रीनशॉट लेकर गूगल इमेज सर्च में डालें या कीवर्ड्स (जैसे वीडियो में दिख रही जगह/लोग) से सर्च करें।
- **TinEye**:
[tineye.com](https://tineye.com) पर इमेज अपलोड करके पता लगाएँ कि वह कितने साल पुरानी है या कहाँ से आई है।
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### **2. मेटाडेटा चेक करें (Metadata Analysis)**
फोटो/वीडियो के मेटाडेटा (EXIF डेटा) में दिनांक, लोकेशन, कैमरा डिटेल्स होती हैं।
- **टूल्स**:
- **ExifTool** (डेस्कटप सॉफ़्टवेयर)
- **Online EXIF Viewer** ([exifinfo.org](https://www.exifinfo.org))
- **मोबाइल ऐप्स**: "Exif Viewer" (Android/iOS)
⚠️ नोट: मेटाडेटा को एडिट या हटाया जा सकता है, इसलिए यह पूरी तरह भरोसेमंद नहीं है।
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### **3. फैक्ट-चेकिंग वेबसाइट्स**
- **Snopes** ([snopes.com](https://www.snopes.com))
- **FactCheck.org** ([factcheck.org](https://www.factcheck.org))
- **Alt News** (भारतीय संदर्भ: [altnews.in](https://www.altnews.in))
इन साइट्स पर कीवर्ड्स डालकर चेक करें कि क्या यह कंटेंट पहले से वायरल/डिबंक हो चुका है।
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### **4. सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म्स पर पुष्टि करें**
- **Twitter/Facebook/Instagram**:
- कंटेंट अपलोड करने वाले अकाउंट की प्रामाणिकता चेक करें (ब्लू टिक, पोस्ट हिस्ट्री)।
- कमेंट्स में लोगों के रिएक्शन या फैक्ट-चेक लिंक्स देखें।
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### **5. डिजिटल फोरेंसिक टूल्स**
- **InVID** ([invid-project.eu](https://www.invid-project.eu)):
वीडियो को फ्रेम-बाय-फ्रेम एनालाइज़ करके एडिटिंग या मैनिपुलेशन के संकेत ढूँढें।
- **Forensically** ([29a.ch](https://29a.ch/forensically)):
इमेज की एरर लेवल एनालिसिस, क्लोन डिटेक्शन, और नॉइज़ पैटर्न चेक करें।
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### **6. AI डिटेक्शन टूल्स**
- **Deepware Scanner** ([deepware.ai](https://deepware.ai)):
वीडियो को स्कैन करके पता लगाएँ कि क्या यह डीपफेक (AI-जनरेटेड) है।
- **Hive Moderation** ([hivemoderation.com](https://hivemoderation.com)):
AI से बने इमेज/वीडियो को डिटेक्ट करता है।
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### **7. मैनुअल वेरिफिकेशन**
- **सोर्स की क्रेडिबिलिटी**:
कंटेंट किस वेबसाइट/अकाउंट से आया है? क्या वह प्रामाणिक स्रोत है?
- **क्रॉस-रेफरेंस**:
खबर को दूसरे विश्वसनीय न्यूज़ चैनल्स (जैसे BBC, DD News) से मिलाएँ।
- **वॉटरमार्क/लोगो**:
क्या वीडियो/फोटो में किसी संस्था का लोगो है? उसकी वेबसाइट पर जाकर पुष्टि करें।
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### **8. गूगल/यूट्यूब सर्च ट्रिक्स**
- **वीडियो टाइमस्टैम्प**:
YouTube वीडियो URL के आखिर में `&t=1h23m45s` जोड़कर स्पेसिफिक टाइम पर जाएँ।
- **एडवांस्ड सर्च**:
गूगल में `site:youtube.com "कीवर्ड्स"` लिखकर रिलेवेंट रिजल्ट्स पाएँ।
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### **अगर कंटेंट संदिग्ध लगे:**
1. शेयर करने से पहले दोबारा चेक करें।
2. स्थानीय अधिकारियों या साइबर सेल को रिपोर्ट करें (अगर गलत जानकारी/अफवाह है)।
इनमें से किसी एक तरीके से पूरी तरह पुष्टि नहीं होती, इसलिए **क्रॉस-वेरिफिकेशन** ज़रूरी है।
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