𝗟𝗔𝗞𝗛𝗜𝗦𝗔𝗥𝗔𝗜_𝗧𝗔𝗞

Responsive Advertisement

बिहार राज्य का नाम बिहार क्यों पड़ा! जान नीचे Why Bihar state was named Bihar!


बिहार का नाम "बिहार" एक ऐतिहासिक और सांस्कृतिक प्रक्रिया का परिणाम है, जो बौद्ध धर्म से जुड़ी हुई है। यह नाम संस्कृत और पाली के "विहार" शब्द से आया है, जिसका अर्थ "आवास" या "रहने का स्थान" है। प्राचीन काल में इस क्षेत्र में बौद्ध भिक्षुओं के मठ और अध्ययन केंद्र थे, जहां वे ध्यान करते थे। इस कारण क्षेत्र को "विहार" कहा जाने लगा, जो बाद में "बिहार" में बदल गया।

बिहार बौद्ध धर्म का एक प्रमुख केंद्र था, और यहां प्रसिद्ध बौद्ध विहार जैसे नालंदा और विक्रमशिला स्थित थे। इन मठों की संख्या बढ़ने के कारण यह क्षेत्र "विहार" के नाम से जाना गया। भाषा विज्ञान के अनुसार, पूर्वी भारत की बोलियों में "व" की ध्वनि "ब" में बदल जाती है, जिससे "विहार" का उच्चारण "बिहार" हो गया। तुर्क और मुगल काल के दौरान भी इस नाम का उपयोग होने लगा।

मुगल और ब्रिटिश काल के दस्तावेजों में भी इस क्षेत्र को "बिहार" कहा गया है, और यह नाम आधिकारिक रूप से 1912 में बिहार राज्य के गठन के समय अपनाया गया। कुछ स्रोतों में "विहार" का अर्थ "घूमने की जगह" भी बताया गया है, लेकिन अधिकांश विद्वान इसे "आवास" या "मठ" के अर्थ से स्वीकार करते हैं। इसके परिणामस्वरूप, बिहार का नामकरण बौद्ध धर्म की धरोहर और भाषाई परिवर्तन को दर्शाता है।

बिहार राज्य का नाम 'बिहार' शब्द से आया है, जो 'बौद्ध विहार' से लिया गया है। विहार का मतलब है बौद्ध भिक्षुओं का रहने का स्थान। प्राचीन समय में, बिहार में कई बौद्ध विहार थे, और यह बौद्ध धर्म का एक मुख्य केंद्र था।

'विहार' शब्द का अर्थ "रहने की जगह" या "आराम करने का स्थान" है। बिहार में बौद्ध भिक्षुओं के लिए कई विहार बनाए गए थे। यहाँ से कई बौद्ध प्रचारक पूरे देश में गए। इस कारण से, इस स्थान को 'विहार' कहा जाने लगा, जो बाद में 'बिहार' में बदल गया। पहले, बिहार को मगध के नाम से जाना जाता था, जिसकी राजधानी पाटलिपुत्र थी।


Post a Comment

0 Comments